5 करोड़ से ज़्यादा मतदाता, 3 लाख कर्मचारी और डेढ़ लाख सुरक्षाकर्मी, ऐसे निपटा लोकसभा चुनाव!

एमपी में सभी 29 संसदीय सीटों पर 19 के रण में 5 करोड़ 18 लाख 67 हज़ार 474 वोटर थे. 29 लोकसभा सीटों पर 438 प्रत्याशियों में मुक़ाबला हुआ.

मध्य प्रदेश में इस बार वोटिंग प्रतिशत पिछली बार की तुलना में 8 से 9 ज्यादा रहा. आखिरी चार चरणों में एमपी की 29 सीटों के लिए मतदान हुआ.मतदान के लिए चुनाव आयोग ने सुरक्षा से लेकर मतदाताओं की सुविधाओं तक का पूरा ख़्याल रखा. अब आयोग 23 मई को मतगणना की तैयारी कर रहा है.

मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर इस बार 438 उम्मीदवार मैदान में थे. सबकी किस्मत ईवीएम में क़ैद हो गयी. 23 मई को पता चलेगा कि मतदाताओं ने किसके सिर पर ताज पहनाया. लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि प्रदेश के 5 करोड़ से ज्यादा वोटर्स के लिए चुनाव आयोग ने क्या इंतेज़ाम किए जिससे ये चुनाव शांतिपूर्वक पूरा कराया जा सका.

एमपी में सभी 29 संसदीय सीटों पर 19 के रण में 5 करोड़ 18 लाख 67 हज़ार 474 वोटर थे.
29 लोकसभा सीटों पर 438 प्रत्याशियों में मुक़ाबला हुआ.

438 में से 399 पुरुष और 39 महिला उम्मीदवार हैं.
प्रदेशभर में कुल 65 हज़ार 283 मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग.
सुरक्षा के लिए CRPF की 86 कम्पनियां और राज्य सशस्त्र बल की 85 कम्पनियों ने सम्भाला मोर्चा.

पुलिस के 1 लाख 54 हज़ार से ज़्यादा जवान तैनात रहे.
1184 क्विक रिस्पोंस टीम थीं मुस्तैद.
चुनाव के दौरान राज्य के 349 और ज़िलों के 604 नाके सील
प्रदेश भर में 13,383 संवेदिनशील मतदान केंद्र, 2730 वेल्नरेबल क्षेत्र
प्रदेशभर में 2 हज़ार 725 महिला मतदान केंद्र, 179 दिव्यांग मतदान केंद्र और 4901 क्यूलेस मतदान केंद्र बनाए गए,
2019 लोकसभा चुनाव में कुल 1 लाख 8 हज़ार बैलट यूनिट, 78 हज़ार 435 कंट्रोल यूनिट, 81 हज़ार 689 VVPAT मशीनों का इस्तेमाल किया गया.
3 लाख मतदान अधिकारी -कर्मचारियों ने कराया चुनाव,
कुल 13 हज़ार 100 मतदान केंद्रो की वेबकॉस्टिंग और सीसीटीवी कैमरों से की गयी निगरानी,
ईवीएम की सुरक्षा के लिए 24 हज़ार से ज़्यादा गाड़ियों में लगाए गए GPS,
एमपी की सभी लोकसभा सीटों पर 31 करोड़ से ज़्यादा की अवैध शराब जप्त,
क़रीब 9 करोड़ की क़ीमत का 18.64 किलो सोना, 1696 किलो चाँदी की गयी ज़ब्त
30 करोड़ से ज़्यादा कैश,11 करोड़ से ज़्यादा के ड्रग्स बरामद.