शादी का झांसा देकर 14 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 17 वर्ष का सश्रम कारावास। 

 
मनासा। श्री अखिलेश कुमार धाकड़, अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा द्वारा एक आरोपी को 14 वर्ष की नाबालिग बालिका को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर दुष्कर्म़ करने के आरोप का दोषी पाकर कुल 17 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 2,000रू. के जुर्माने से दण्डित किया।
 
जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 03 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 19.09.2016 सुबह के 8 से 12 बजे के बीच ग्राम-चंबलेश्वर, थाना मनासा की हैं। पीड़िता 14 वर्ष की अव्यस्क बालिका है। आरोपी चंबलेश्वर फिल्टर प्लांट में मिस्त्री का काम करने आया हुआ था, इसी दौरान गांव में ही निवास करने वाली पीडिता से उसका परिचय हो गया था। घटना दिनांक को जब पीडिता सुबह 8 बजे खेत पर जाने के लिए निकली तो आरोपी ने मौका पाकर पीडिता को शादी करने का झांसा देकर उसे  बहला-फुसलाकर गांव से भगा कर ले गया। पीडिता के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना मनासा पर की, जिसके 04 दिन बाद दिनांक 23.09.2016 को पुलिस द्वारा पीडिता को बस स्टैण्ड, नीमच से दस्तयाब किया। पीडिता द्वारा बताया गया कि आरोपी उसको मन्दसौर व उज्जैन ले गया जहॉ पर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडिता द्वारा बताई घटना के आधार पर मनासा पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 358/16, धारा 363, 366 भादवि तथा धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत पंजीबद्ध किया। विवेचना के दौरान पुलिस मनासा द्वारा पीड़िता का मेडिकल कराकर, उसके उम्र संबंधित दस्तावेज प्राप्त कर व आरोपी को गिरफ्तार कर शेष विवेचना पूर्ण कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया।
 
श्री जगदीश चौहान, अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियोजन की ओर से 14 वर्षीय नाबालिग पीड़िता, उसके पिता, पीडिता को नाबालिक प्रमाणित करने के लिए स्कॉलर रजिस्टर प्रस्तुत करने वाले प्रधान अध्यापक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराकर आरोपी के विरूद्ध अव्यस्क बालिका को बहला-फुसलाकर अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म करने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर दण्ड के प्रश्न पर तर्क रखा गया कि आरोपी द्वारा 14 वर्षीय पीडिता को शादी का झांसा देकर भगाकर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया हैं, इसलिए अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाये। श्री अखिलेश कुमार धाकड़, अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा द्वारा आरोपी दुबेलाल पिता दशरथ धुर्वे, उम्र-19 वर्ष, निवासी-ग्राम-बिलगांव, थाना-नौगांव, जिला-मण्डला को धारा 363 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 500रू. जुर्माना, धारा 366 भादवि में 04 वर्ष का सश्रम कारावास व 400रू. जुर्माना तथा धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 800रू. जुर्माना, इस प्रकार आरोपी को कुल 17 वर्ष के सश्रम कारावास व 2,000रू. जुर्माने से दण्डित किया गया, साथ ही पीडिता को 1500रू प्रतिकर प्रदान करने का आदेश भी दिया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री जगदीश चौहान, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।