2024-03-24 09:36:01
भारत के इस राज्य का यह शहर बन गया है बेवफाई की राजधानी, सर्वे में खुलासा!
बेंगलुरू:
आईटी सिटी बेंगलुरु देश के सबसे महंगे और एडवांस शहरों में से एक है. यहां दुनियाभर की IT कंपनियों के दफ्तर हैं. कोई भी एडवांस प्रोजेक्ट हो या फिर टेक्नोलॉजी, इस शहर में पहली दस्तक होती है. लेकिन एक सर्वे रिपोर्ट की दस्तक से इसका अब नया नाम पड़ गया है. एक साइट ने इस शहर को बेवफाई की राजधानी यानी 'infidelity capital of India' नाम दिया है. जी हां, भारत में शुरू हुए पहले एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर साइट 'ग्लीडेन' के सर्वे में ये बात सामने आई है कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में बेंगलुरु के लोग सबसे आगे होते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि विवाहेत्तर रिश्ते बनाने में बैंगलुरु की महिलाएं, पुरुषों की तुलना में आगे हैं.
इस वेवबसाइट का तर्क है वैवाहिक जीवन में आए नीरसता से उबरने के लिए महिलाएं एक्साइटमेंट और फ्रीडम के लिए इस साइट का उपयोग कर रही हैं. हालांकि कुछ लोगों इस सर्वे पर सवाल भी उठा रहे हैं. इस सर्वे के बारे में बुद्धिजीवी लोगों का मानना है कि डेटिंग साइट का इस्तेमाल केवल वे ही करते हैं जो टेक सेवी हैं. विवाहेतर संबंध समाज में मौजूद है और अभी भी बहुत से लोग ऐसे होंगे जो इस डेटिंग साइट का प्रयोग नहीं करते होंगे और उनके विवाहेतर संबंध होंगे.
यह भी पढ़ेंः जानिए लड़कों की प्रोफाइल में क्या चीज खोजती हैं लड़कियां, आज ही सुधार लें अपनी Profile
साइट के मुताबिक एक्सट्रा मैरिटल अफेयर में बेंगलुरु सबसे आगे है. सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि विवाहेत्तर रिश्ते बनाने में महिलाएं यहां पुरुषों से दो कदम आगे हैं. सर्वे बताता है कि इस साइट में सिर्फ 1.35 लाख यूजर्स बेंगलुरु से है जो कि इस साइट की कुल यूजर्स का 27 प्रतिशत है. इनमें से भी 32 फीसदी पुरुष हैं जबकि 68 फीसदी महिलाएं हैं.
अध्ययन में ये बातें आई सामने
- अनुच्छेद 377 निरस्त होने के बाद से शादीशुदा लोगों में समलैंगिक अफेयर्स में 45 फीसदी की वृद्धि हुई है .
- 77 फीसदी भारतीय महिलाओं ने अपने पति को धोखा दिया क्योंकि उनकी शादी नीरस हो गई थी
- 10 में से 4 महिलाओं ने खुलासा किया कि जब वे दूसरे मर्दो के साथ फ्लर्टिंग करती हैं तो उनकी अपने पति के साथ घनिष्ठता बढ़ जाती है
- धोखा देने वाली 31 फीसदी भारतीय महिलाएं पहले अपने पड़ोसी के साथ ऐसा कर चुकी थीं
- 10 में से 7 महिलाओं ने अपने पति को धोखा दिया क्योंकि उनके पति घरेलू कामों में शामिल नहीं होते थे
- 17 फीसदी बेईमान पुरुषों का एक अलग बैंक खाता है जिसका उपयोग वे अपने विवाहेतर संबंध से संबंधित खर्चों के लिए करते है.