चार पुलिसकर्मियों ने 60 लाख का सोना लेकर मुझे छोड़ दिया : चोर

भोपाल। सीहोर के पास से पकड़े गए शातिर चोर के एक बयान ने क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली को एक बार फिर कटघरे में ला खड़ा किया है। अफसरों के सामने दिए बयान में उसने कहा है कि वर्ष 2017 में क्राइम के चार पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा था। उस वक्त उसके पास दो किग्रा सोना (करीब 60 लाख) मिला। चारों पुलिसकर्मियों ने पूरा सोना लेकर उसे बगैर कार्रवाई के छोड़ दिया। IG ने इस मामले में जांच रिपोर्ट तलब की है। 

 

सीहोर निवासी 35 वर्षीय शैलेंद्र विश्वकर्मा (Shailendra Vishwakarma) को उसके साथी विकास राजपूत (Vikas Rajput) के साथ क्राइम ब्रांच ने बुधवार रात सीहोर के पास से पकड़ा है। टीम को पता चला था कि हैदराबाद की जेल में डेढ़ साल रहने के बाद शैलेंद्र हाल ही में छूटकर आया है। उसके पास सोना है, जिसे वह बेचने की फिराक में है। टीम में शामिल एक हवलदार को सर्राफा कारोबारी बनाकर शैलेंद्र से मिलने भेजा गया।  

 

हवलदार का इशारा मिलते ही टीम ने दोनों को धर दबोचा। टीम उसे लेकर क्राइम ब्रांच लौटी तो अफसरों के सामने उसके बयान शुरू हुए। पूछताछ के दौरान वह ऐसी बात बोल गया, जिसे सुनकर क्राइम ब्रांच में सनसनी फैल गई।

 

पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2017 में उसे क्राइम ब्रांच के चार पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा था। उस वक्त दो किग्रा सोना उससे मिला था। ये सोना लेकर उन्होंने उसे छोड़ दिया। इसके बाद वह चोरी की नियत से हैदराबाद पहुंचा, जहां फिर पकड़ा गया। हैदराबाद पुलिस के डीसीपी को भी ये वाकया बताया। तब डीसीपी ने भोपाल क्राइम ब्रांच के एक अफसर से इस संबंध में बात भी की थी। शैलेंद्र के इस बयान के बाद आईजी योगेश देशमुख ने एएसपी क्राइम निश्चल झारिया से डीटेल जांच रिपोर्ट तलब की है।

 

आरोपी ने अफसरों से कहा है कि 2013 तक उसके पास खुद की कमाई से दो ट्रक थे। पारिवारिक उलझनों के कारण कुछ तनाव हुए और वह ट्रकों की किश्त नहीं चुका पाया। इसके लिए उसने पहली चोरी की। कुछ दिन बाद ही हबीबगंज पुलिस ने पकड़ लिया। तब पुलिस ने उसके दोनों ट्रक भी चोरी के बता दिए। रिकवरी करीब एक करोड़ की दिखाई थी। इसके बाद उसने चोरियां करनी शुरू कर दीं।

 

एएसपी निश्चल झारिया ने बताया कि बीकॉम पास शैलेंद्र बेहद शातिर है। महंगे गॉगल लगाकर वह कॉलोनियों में स्कॉर्पियो गाड़ी से रेकी करता था। रात में चिह्नित मकान का ताला तोड़कर जेवर, नकदी और कीमती सामान चुरा लेता था। उसने रायपुर, हैदराबाद, पुणे, राजस्थान और मप्र के कई शहरों में अब तक 80 से ज्यादा वारदातें की हैं। एक बार उसके पास से सोना गलाने और तौलने की मशीनें भी मिल चुकी हैं।