नीमच की जिला जेल से चार कैदी फरार,जेलर सहित पांच जेल कर्मी निलंबित, जेल स्टाॅफ की संदिग्ध भूमिका सामने आई,एडीजी जेल, आईजी, कमिश्नर ने जेल पहुंचकर ली घटना की जानकारी

नीमच। कनावटी स्थित जिला जेल से एक साथ चार बंदियों के फरार होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बंदियों ने योजनाबद्ध तरीके से रस्सी के सहारे जेल की दीवार फांदी। इस मामले में जेल प्रशासन ने जेल अधीक्षक सहित पांच जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले में जेलकर्मियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। 

यह हुई घटना-

जिला जेल में रविवार तड़के जब बंदियों की ड्यूटी बदली तो वहां मिली रस्सी को देख उन्हंे बंदियों के भागने का पता चला। जांच की तो पता चला कि बेरेक नंबर 11 में बंद चार बंदी फरार हो गए। इनमें से दो मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में विचाराधीन बंदी थे जबकि एक बंदी हत्या और एक बंदी बलात्कार के मामले में दस-दस वर्ष की सजा काट रहा था। फरार हुए बंदियों के नाम नाहरसिंह पिता बंशीलाल बंजारा 20 वर्ष निवासी ग्राम गणेशपुरा, थाना भिंडर जिला उदयपुर आरोपी एनडीपीएस, दुबेलाल पिता दशरथ धुर्वे 19 वर्ष निवासी गोगरी, जिला मंडला धारा 376, पंकज पिता रामनारायण मोगिया, 21 वर्ष निवासी नलवाई जिला चित्तौडगढ एनडीपीएस, लेखराम पिता रमेश बावरी 29 वर्ष निवासी चंदवासा जिला मंदसौर बताए गए हैं। चारों के फरार होने की सूचना करीब 4.30 बजे बाद पुलिस को दी गई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों की तलाश मंे चारों तरफ नाकाबंदी कर दी गई। 

अब तक की जांच में सनसनीखेज खुलासे-

सूचना मिलते ही एसपी राकेशकुमार सगर और कलेक्टर अजयसिंह गंगवार कनावटी जेल पहुंचे और प्रारंभिक जांच की। प्राथमिक जांच में आई जानकारी के अनुसार चारों बंदी एक ही बैरेक में बंद थे। 11 नंबर की इस बैरेक में कुल 27 बंदी थे जिनमें से चार फरार हुए। फरार होने के लिए इन बंदियों ने आरी का इस्तेमाल कर पहले दो सरिये काटे, वहां करीब दो फिट जगह बनी तो उसमें से एक-एक कर चारों बंदी बाहर निकले। इसके बाद जेल की दीवार के पास बाहर एक बिजली के खंभे से बांधे गए रस्से की सहायता से बंदियों ने जेल की मुख्य दीवार पार की और फरार हो गए। इससे स्पष्ट है कि बाहरी लोगों की इसमें भूमिका रही है। दोपहर तक इस मामले में बंदियों की सूचना देने पर 50-50 हजार रुपए ईनाम की घोषणा भी कर दी गई थी। पूछताछ में यह भी पता चला है कि रात 11 बजे बाद यहां अचानक बत्ती गुल हुई थी तब जेल के आसपास काफी चहलकदमी हुई थी। 

मोबाइल में थे मैसेज-

मौके से एक मोबाइल मिला है जो चारों में से एक बंदी का था। इसमें रात करीब ढाई बजे के टैक्स मैसेज मिले हैं जिसमें बाहर के लोगों से रस्सी लाने, किस कोने पर आना है आदि की जानकारियां मिली है। इस मामले में यह भी पता चला है कि जेलकर्मियों की भी मिलीभगत के बिना यह बड़ी घटना संभव नहीं थी। बताया जाता है कि जेल में लोहा काटने की आरी बिना जेल कर्मियों की नजर के अंदर कैसे पहुंच गई। कुछ जेलकर्मियों के काॅल डिटेल्स में भी संदिग्ध जानकारियां खंगाली गई हैं। बैरेक से पुलिस ने पांच आरी जब्त की है, पता चला है कि यह वे आरियां नहीं हैं जो बैरेक के दरवाजे के सरिये काटने में इस्तेमाल की गई है। माना जा रहा है कि यहां पर आरियां बदली गई हैं, हालांकि इस मामले को खासतौर पर जांच में लिया गया है। पता चला है कि दो तीन दिन पहले जेल में बंदियों को रसना और लस्सी भी बांटी गई थी। जबकि जेल में बाहरी वस्तुएं निषेध है। 

इन पर की कार्रवाई-

दोपहर लगभग 3 बजे कमिश्नर अजीतकुमार, आईजी पुलिस राकेशकुमार गुप्ता भी कनावटी जेल पहुंचे और बैरेक में बंद शेष बंदियों के अलावा जेलकर्मियों से पूछताछ की। इस बीच जेल अधीक्षक आरपी वसुनिया, प्रहरी वीरेंद्र धाकड़, ईश्वरलाल, संचित शर्मा, बालमुकुंद लबाना को निलंबित कर दिया गया है। फरार हुए बंदियों की तलाश में पुलिस की 7 टीमों को लगाया गया है। सीमावर्ती राजस्थान में भी हाईअलर्ट किया गया है। इस मामले में केंट थाने पर बंदियों के खिलाफ फरार होने और षड़यंत्र रचने का प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई है। दूसरी तरफ जेल विभाग और प्रशासन भी अलग-अलग जांच कर रहे हैं। शाम को एडीजी जेल भी कनावटी जेल पहुंच चुके थे। 

वर्जन-

- जेल से 4 बंदी फरार हुए हैं। गहन जांच की जा रही है। घटनाक्रम में जिनकी भी भूमिका सामने आएगी उन पर कार्रवाई की जाएगी। जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक पर कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। - अजीतकुमार, कमिश्नर उज्जैन, 

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- चार बंदियांे के फरार होने की घटना गंभीर है। जेल स्टाॅफ, बंदियों की हर भूमिका की जांच की जा रही है। कुछ ऐसी जानकारियां मिली हैं जिन्हें फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुकदमा दर्ज किया गया है। - राकेशकुमार गुप्ता, आईजी उज्जैन,