घर के सामने टै्रक्टर खड़ा करने से मना करने पर मारपीट करने वाले दो आरोपीयों को 6-6 माह का सश्रम कारावास।

नीमच। श्री नीरज मालवीय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नीमच द्वारा दो आरोपीयों को घर के सामने टै्रक्टर खड़ा करने से मना करने की बात को लेकर दो व्यक्तियों के साथ मारपीट करने के आरोप का दोषी पाकर कुल 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं 500-500रू. जुर्माने से दण्डित किया गया।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 4 वर्ष पूर्व दिनांक 27.12.2015 शाम 5ः30 बजे ग्राम ग्वालदेवीया की है। फरियादी औंकारलाल के बडे भाई केशुराम के घर के सामने आरोपी उदयलाल ने टै्रक्टर खडा कर दिया तो इस पर केशुराम ने उदयलाल से टै्रक्टर हटाने को कहा तो उदयलाल, केशुराम से विवाद करने लगा तो वहां पर औकारलाल नें आकर आरोपी को समझानें का प्रयास किया, तो आरोपी यह कहता हुआ वहा चला गया कि सरकारी जमीन है, मैं तुम्हें शाम को देख लुगा। फिर आरोपी उदयलाल शाम 5ः30 बजें एक अन्य आरोपी मांगीलाल के साथ औंकारलाल के घर के बाहर चिल्ला चोट करने लगा, औंकारलाल नें मना किया तो दोनों आरोपीयों नें उसके साथ लात घुसों से मारपीट की, तो औंकारलाल का भतीजा अनील बीच बचाव करनें आया तों दोनों आरोपीयों नें उसके साथ भी मारपीट कर चलें गयें। फरियादी ने घटना कि रिपोर्ट पुलिस थाना बघाना पर कि, जिस पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्रमांक 232/2015, धारा 323/34 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध हुआ। पुलिस बघाना द्वारा दोनों आहतगण का मेडिकल कराकर शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर चालान नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

श्री रितेश कुमार सोमपुरा, ए.डी.पी.ओ. द्वारा अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में दोनों आहतगण सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराकर आरोपीगण कों कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया। श्री नीरज मालवीय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, नीमच द्वारा आरोपीगण (1) उदयलाल पिता लालाराम गुर्जर, उम्र 37 वर्ष, निवासी ग्राम ग्वालदेवीया, जिला नीमच तथा (2) मांगीलाल पिता मोतीलाल गुर्जर, उम्र 41 वर्ष, निवासी ग्राम मालीखेडा, छोटी सादडी, जिला प्रतापगढ़ (राजस्थान) कों धारा 323/34 भादवि (एकमत होकर मारपीट करना) में प्रत्येक आहत से साथ मारपीट करनें के लिये 3-3 के सश्रम कारावास, इस प्रकार कुल 6-6 माह के सश्रम कारावास एवं 500-500रू जुर्मानें से दंडित किया, साथ ही जुर्मानें की रकम को आहतगण को प्रतिकर के रूप के प्रदान करनें का आदेश भी किया। न्यायालय में शासन की और से पैरवी श्री रितेश कुमार सोमपुरा, एडीपीओ द्वारा की गई।