ठेकेदार की लापरवाही से नाली में छोटे-बडे, बडे पत्थर लगाने से नाली हुई जाम, स्वच्छता टीम ने की सफाई, किसकी रही लापरवाही यह पढे जनहित की खबर..!

जावद। बरसो बाद नगर परिषद द्वारा नगर में जगह, जगह गली मौहल्ले, चौराहा पर ठेकेदार द्वारा सीसी सीमेंट क्रांकिड से सडक बन रही है। वार्ड नंबर 2 एवं 4 की दो-तीन मेन गलियों में तो अभी तक सडक ही नही बन पाई और बैंगनपुरा के मुख्य चौराहा पर चारो और रेती, सीमेंट, गिट्टी बिखेर दी जैसे कोई बडा कार्य चला हो, सडक नही बनी इसके पहले ही गली में जाने वाला मुख्य मार्ग की नाली पर लगी लौहे की जाली की साईडे तौड दी, मशीन की टक्कर से पास में बना प्राचिन मंदिर की चबुतरा के पत्थर भी उखेड दिए जब भक्तो ने कहा तो मजदूरो ने कहा जब सडक बनेगी तो पत्थर पर सीमेंट लगा देंगे। बैंगनपुरा में जहा सडक बनाने के लिए गिट्टी बनाने की मशीन चली वहा आसपास एवं नालियों में तो अभी तक गिट्टी, मिट्टी तक पडी हुई है जिससे नालियां जाम हो रही है, मच्छरो से मौसमी बीमारी होने का भी अंदेशा है। ठेकेदार की लापरवाही सफाई कर्मचारी क्यो भुगते..!नगर का सुप्रसिद्ध बैंगनपुरा सारस्वत समाज भवन के सामने वार्ड नंबर 4 की गली में ठेकेदार ने दौनो साईडो की नाली के यहा लकडी के पटिए की जगह छोटे-बडे पत्थर लगाए ताकी साईडे अच्छी बने यहा तो सही है लेकिन सीसी सडक बनने के प्रश्चात ठेकेदार एवं मजदूरो द्वारा वही छोटे-बडे पत्थर नही हटाए जिससे नालियां जाम हो गई। नालियां जाम होने की शिकायत नगर परिषद दरोगा अनिल राडोदिया, सहायक राजू राडोदिया के पास पहुंची। गुरूवार प्रातः 9 बजे वार्ड नम्बर 2 निवासी प्रेस क्लब अध्यक्ष नारायण सोमानी भी वार्ड नम्बर 4 गली के मौके पर पहुंचे जहा बिते दिवस सडक का निर्माण हुआ था, साथ ही वस्तु स्थिति से अवगत होकर कहा यह तो ठेकेदार एवं सडक का कार्य करने वाले मजदूरो की गलती है जो पत्थर हटाना था। वही नगर परिषद दरोगा राजू राडोदिया सहित सफाई मित्र टीम मौके पर पहुंचकर बडी मशक्कत से छोटे-बडे, बडे पत्थर को हटाकर नालियों की सफाई की। अध्यक्ष नारायण सोमानी ने कहा जब सडक का कार्य हो रहा है तो नगर परिषद के जवाबदारो एवं परिषद के इंजिनियर भी मौके पर आकर कार्य देखना चाहिए की ठेकेदार द्वारा कितने इंच की सडक बना रहा है, और केसे बना रहा है, केसा मटेरियल डाल रहा है साथ ही आस पास रहने वाले रहवासी और आने जाने नगरवासियों को कोई कठिनाइयां तो नही हो रही है। सीसी रोड बनने के बाद तराई के लिए पानी भी छिटक रहा है या नही।