मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ एवं कल्लाजी मंदिर न्यास के संयुक्त तत्वावधान में कल्याण नगरी के राजाधिराज ठाकुर श्री कल्लाजी का 480 वां जन्मोत्सव खूब ठाठ बाठ के साथ मनाया गया। नगरवासियों के लिए यह दिन दीपावली त्यौहार की तरह अविस्मरणीय बनता जा रहा है। जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में ठाकुर के मंगला दर्शन के साथ ही 21 द्रव्यों से महारूद्राभिषेक कर ठाकुर सहित पंच देवों का ऐसा मनभावन श्रंगार किया गया कि हजारों कल्याण भक्त अपने आराध्य के अनुपम स्वरूप को अपलक निहारते नजर आए।

चन्द्रदेव स्वरूप में हुए ठाकुर जी के दर्शन

       ठाकुर जी के जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर जहां भारत में चन्द्रमा पर पहुंच कर एक नया इतिहास रचा वहीं ठाकुर जी को भी मयूर छवि, चन्द्रदेव के साथ राजाधिराज की वेशभूषा धारण करवाकर चन्द्रदेव स्वरूप में उनके मनमोहक दर्शन भक्तों के लिए यादगार बन गए।

नाव मनोरथ में छप्पनभोग की झांकी

       यह प्रथम अवसर था जब ठाकुर श्री कल्लाजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीनाथ जी की तर्ज पर मंदिर को कमल तलाई का स्वरूप देकर सैकड़ों तैरते कमल पुष्प के बीच नाव पर ठाकुर जी के विग्रह के साथ छप्पनभोग की झांकी नाव मनोरथ का प्रतीक बन गई। जिसे देखकर कल्याण भक्त स्वयं को धन्य करते हुए ठाकुर जी की अपार महिमा का गुणगान करते हुए नजर आए।

5500 कमल पुष्प अर्पण के साथ छप्पन तरह  के फूलों से सजी झांकी

       ठाकुर श्री कल्लाजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं एवं कल्याण भक्तों द्वारा ठाकुर जी को 5500 से अधिक कमल पुष्प अर्पित करने के साथ ही वेदपीठ को छप्पन प्रकार के एक क्विंटल से अधिक फूलों से सुसज्जित किया गया। वहीं कई भक्तों ने 108 कमल पुष्प की मालाएं ठाकुर जी को अर्पित की। इस दौरान समूचा वेदपीठ विभिन्न प्रकार के फूलों की भिनी भिनी खुश्बू से महक उठा।

 

नगर के विद्यालयों में उत्साह से मनाया जन्मोत्सव

       नगर के निजी एवं राजकीय 50 से अधिक विद्यालयों में वेदपीठ के वीर वीरांगनाओं एवं शक्ति ग्रुप की बालिकाओं द्वारा नगर के राजाधिराज ठाकुर श्री कल्लाजी का जन्मोत्सव पूरी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को ठाकुर जी की वीर गाथाओं के साथ उनके जीवन चरित्र से परिचय कराते हुए सभी को प्रसाद वितरित कर जन्मदिन की बधाईयां दी गई।

प्रमुख चौराहों एवं मार्गों पर गूंजा जय श्री कल्याण

       ठाकुर जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में वीर बालकों, वीरांगनाओं एवं शक्ति ग्रुप की बालिकाओं द्वारा नगर के प्रमुख चौराहों एवं मार्गो पर आगंतुकों को जय श्री कल्याण के अभिभावादन के साथ ठाकुर जी के जयकारें से वातावरण को गूंजायमान कर नगर को कल्याण नगरी निरूपित करने का अनुकरणीय कार्य किया गया। इस दौरान सभी आगंतुकों को ईलायची भेंट कर वातावरण को सुगंधित बनाने में भी कोई कोर कसर नहीं रखी।

क्षमापना पर्व के रूप में मनाया जन्मोत्सव

       वेदपीठ की परंपरानुसार ठाकुर श्री कल्लाजी का जन्मोत्सव श्रावण शुक्ला अष्टमी गुरूवार को पूरे नगर में क्षमापना पर्व के रूप में मनाया गया। इस दौरान सभी कल्याण भक्तों ने एक दूसरे को ठाकुर जी के जन्मदिन की बधाईयां देते हुए वर्ष पर्यन्त उनके द्वारा भूल से हुई गलतियों के लिए भी क्षमायाचना कर पर्व को सार्थक साबित किया।

नजरानों के लगे ढेर

       श्री कल्लाजी वेदपीठ आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्ठ पहचान बना चूकी है। इतना ही नहीं यहां विराजित ठाकुरजी की महिमा भी जग विख्यात होने से यूं तो समय समय पर भक्तों का आना जारी रहता है, लेकिन जन्मोत्सव का पर्व सभी भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी के चलते मेवाड़, मालवा, गुजरात, हाड़ौती, मारवाड़ सहित देश एवं प्रदेश के कई क्षेत्रों से हजारों कल्याण भक्तों ने जन्मोत्सव के पावन अवसर पर न केवल अपने आराध्य के मनभावन स्वरूप के दर्शन किए वरन इस अवसर पर नानाविध नजराने न्यौछावर कर स्वयं को धन्य किया। वीर बालकों द्वारा रजत सिंहासन, वीरांगनाओं द्वारा 31 किलो का पुष्पहार, शक्ति ग्रुप द्वारा राजाशाही वेशभूषा के साथ चरण पादूकाएं भेंट की गई तो बड़ी संख्या में कल्याण भक्तों ने भी स्वर्ण, रजत, रत्नजड़ित आभूषणों के साथ आकर्षक वेशभूषाएं और कई प्रकार के मिष्ठान व महाप्रसाद न्यौछावर किया गया। नजरानों का यह दृश्य भी कई भक्तों के लिए अकल्पनिय था।

हस्तलिखित  ऋग्वेद, ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के ग्रंथ भेंट

       ठाकुर श्री कल्लाजी के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर छोटी काशी के रूप में विख्यात बांसवाड़ा नगरी के नागरवाड़ा से पंडित इन्द्रशंकर झा के यहां से ऋग्वेद की 2 शाखाओं के हस्तलिखित ग्रंथ तथा तलवाड़ा से हरिवल्लभ त्रिवेदी के यहां से ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड से जूड़े 11 हस्तलिखित ग्रंथ ठाकुर जी के सेवक रामप्रसाद मून्दड़ा द्वारा नजराने के रूप में अर्पित किए गए।

कई गांवों से आए पदयात्री

       ठाकुर जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में बिनोता रानीखेड़ा सहित कई गांवों से सैकड़ों पदयात्री नाचते, गाते ठाकुर जी के जयकारे लगाते हुए कल्याण नगरी पहुंचे, जहां उन्होंने अपने आराध्य के मनभावन दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। इन पदयात्रियों का पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीचन्द कृपलानी, पूर्व विधायक अशोक नवलखा सहित अन्य भाजपा पदाधिकारियों, विश्व हिन्दू परिषद के विभाग मंत्री मानवेन्द्रसिंह चौहान के नेतृत्व में साथियों द्वारा तथा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थानों द्वारा पुष्प वर्षा कर पदयात्रियों की अगवानी की गई।

 

भजनानन्दी स्वर लहरियों से गूंजता रहा वेदपीठ परिसर

       ठाकुर श्री कल्लाजी के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर पंडित प्रहलाद कृष्ण एवं गौ नन्दन विकास नागदा सहित साथी कलाकारों द्वारा ठाकुर जी के मनभावन भजनों के साथ ही भक्तिमय प्रस्तुति से समूचा वेदपीठ परिसर गूंजता रहा। इस दौरान गौ नन्दन विकास नागदा द्वारा स्व: लिखित कल्लाजी महाराज मेरे आंगने पधारों की प्रस्तुति दी तो ऐसा लगा कि मानों उनके अनुनय आग्रह को स्वीकार कर ठाकुर जी वेदपीठ परिसर में साक्षात प्रकट हो गए हो इतना ही नहीं उनके द्वारा प्रस्तुत आसरा इस जहां का मिले ना मिले मुझे तेरा आसरा चाहिए की प्रस्तुति ने भी भक्तों को आनंदित कर दिया। वहीं पंडित प्रहलाद कृष्ण ने ठाकुर श्री कल्लाजी के भजनों के साथ मीरा के भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों को भक्ति सरिता में गौते लगाने का सौभाग्य प्रदान किया।

महायज्ञ कर खुशहाली की कामना की

       ठाकुर जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में वेदपीठ पर महायज्ञ आयोजित कर यजमानों ने आहूतियां  देते हुए सर्वत्र अच्छी वर्षा और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर भारत के चन्द्रयान 3 के चन्द्रमा पर स्थापित होने के लिए ठाकुर जी का आभार व्यक्त करते हुए भक्तों ने एक स्वर से प्रसन्नता व्यक्त की।