2024-12-12 10:42:13
क्षेत्रीय सांसद की उदासीनता से थम गई है नीमच के विकास की गति- श्रीमती बंसल
नीमच, जिसकी संस्कृति का उल्लेख प्राचीन इतिहास में मिलता है, जिसकी खूबसूरती ,पर्यावरण को देखते हुए अंग्रेजों ने जिसे मध्य भारत की सबसे बड़ी छावनी बनाया, जो कभी मालवा का पेरिस कहा जाता था परंतु आज अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों की लापरवाही एवं निष्क्रियता से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा हैकांग्रेस नेत्री श्रीमती बंसल ने है कि पिछले 10 वर्षों से मध्य प्रदेश में तथाकथित डबल इंजन की सरकार चल रही है, यहां नगर पालिका से लेकर संसद तक तक भाजपा के जनप्रतिनिधि सत्ता पर काबिज है परंतु दुर्भाग्य का विषय है कि इस डबल इंजन की सरकार नीमच में रेलवे इंजन तक की व्यवस्था नहीं कर पा रही है| आज नीमच देश के सभी बड़े शहरों से कनेक्टिविटी के मामले में बहुत पीछे रह गया हैदिल्ली ,मुंबई, पुणे ,बेंगलुरु, हैदराबाद ,अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों के लिए नीमच से कोई पर्याप्त रेल या हवाई सुविधा उपलब्ध नहीं है| जिसका सबसे बड़ा कारण मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद का तरह से निष्क्रिय होना है|अगर इतिहास की बात की जाए तो नीमच मैं रेलवे का पदार्पण सन 1881 में हो चुका था, आजादी के बाद नीमच की रेलवे कनेक्टिविटी ने गति पकड़ी, जिसकी वजह से नीमच भारत के मानचित्र पर उभर कर सामने आया |यहां व्यापार की संभावनाएं बड़ी , परंतु पिछले 10 वर्षों की बात की जाए तो नीमच को रेलवे या हवाई कनेक्टिविटी में एक भी बड़ी परियोजना का लाभ नहीं मिला हैआज भी दिल्ली,मुंबई,पुणे, बैंगलोर जाने के लिए के लोगों को चित्तौड़गढ़, रतलाम , चंदेरिया जाना पड़ता है| इस खराब कनेक्टिविटी की वजह से नीमच में व्यापार की संभावनाएं कम हो जाती है, नीमच के कई युवा जो कि आईटी क्षेत्र में बड़े शहरों में काम कर रहे हैं उन्हें अपने घरों पर आने में काफी समस्या उत्पन्न होती है, पर्यटन पर असर पड़ता है, बड़े शहरों में इलाज कराने हेतु समस्याएं आती है, यहां तक की विवाह संबंधों में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है|बंसल ने कहा है कि कोटा-नीमच रेलवे लाइन, छोटी सादड़ी रेलवे लाइन का कार्य वर्षों से लंबित है, बड़े शहरों से जोड़ने वाली ट्रेनों के संबंध में भी क्षेत्रीय सांसद ने कोई प्रयास नहीं किए हैं| हवाई यातायात की बात करें तो नीमच को एक हवाई अड्डे की जरूरत है जो उदयपुर,इंदौर दिल्ली जैसे शहरों के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रोवाइड कर सके| नीमच क्षेत्र सीआरपीएफ का केंद्र होने के कारण एयरलाइन कंपनियों को सही अनुपात में यात्रियों की संख्या मिल सकेगी, जिससे कि यह हवाई रूट कंपनियों के लिए भी लाभदायक होगा| बंसल ने कहा है कि यह अत्यंत दुख का विषय है कि मोदी की भाजपा सरकार का ढिंढोरा पीटने वाले भाजपा के नेता इस मुद्दे पर मौन है| श्रीमती बंसल ने कहा कि यह मुद्दा केवल कांग्रेस बीजेपी का नहीं बल्कि के आम नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं एवं उनके अधिकारों के हनन का मुद्दा है| कई बार क्षेत्र की जनता द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद भी क्षेत्र के भाजपा नेताओं ने इसे बिलकुल गंभीरता से नहीं लिया है| अतः जिस तरह से नीमच की जागरूक जनता ने जन आंदोलन के माध्यम से मेडिकल कॉलेज खुलवाया,उसी तरह से नीमच की जनता को अपने हक की लड़ाई के लिए अगले जन आंदोलन के लिए तैयार होना पड़ेगा