कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी ने बेटे का फर्जी मेडिकल बनाया था, समाजसेवी अशोक अरोरा की हत्या के लिए हाईकोर्ट से पैरोल की अवधि भी बढाई

नीमच। कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी नीमच में चार फरवरी को समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर पर हुई फायरिंग के मामले में मास्टर माईंड निकला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार बाबू सिंधी को 19 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट से एक महिने की पैरोल मिली थी। वह भोपाल सेंट्रल जेल में बंद था। इससे पहले वह भैरवगढ सेंट्रल जेल में था, जहां पर शार्प शूटर बाबू फकीर के साथ एक बैरक में रहा। शार्प शूटर बाबू फकीर से जेल में दोस्ती बढाई और बाबू फकीर की कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी के जीजा ने पैरोल करवाई। बीते माह पैरोल की अवधि बढाने के लिए बाबू सिंधी ने हाईकोर्ट में आवेदन किया। जिसमें उसके बेटे को बीमारी और उसके रिश्तेदार भाई की जयपुर में मृत्यु बताया। रतलाम की मेडिकल रिपोर्ट लगाई गई। सूत्र बताते है कि फर्जी मेडिकल रिपोर्ट का बाबू सिंधी ने सहारा लिया। सीबीएन ने भी इस बात का विरोध किया था। 17 जनवरी को हाईकोर्ट में फिर एक माह की अवधि बढाने का आवेदन लगाया। हाईकोर्ट ने 19 फरवरी तक पैरोल की अवधि बढाई थी। बाबू सिंधी ने इसलिए पैरोल की अवधि बढाई कि वह शार्प शूटरों को सुपारी देकर समाजसेवी श्री अरोरा की हत्या करवा सके।  पुलिस अगर बाबू सिंधी द्वारा पेश किए गए हाईकोर्ट में उसके बेटे की मेडिकल रिपोर्ट की जांच करें तो यह भी धोखाधडी और जाली दस्तावेज तैयार करने का अपराध बनता है। पुलिस हत्या की सुपारी देने वाले बाबू सिंधी से पूछताछ में जुटी हुई है, इस मामले में और कई खुलासें हो सकते है।बेटे का उपचार करने की बजाय हत्या की प्लॉनिंग में जुटा रहा बाबू सिंधी— कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी का जेल से पैरोल पर आने का एक ही मकसद था कि वह शार्प शूटरों को सुपारी देकर समाजसेवी की हत्या करवा सके। उसके बेटे का बीमार होने का फर्जी मेडिकल रतलाम से बनाया। बाबू सिंधी पैरोल के दौरान एक बार भी उसके बेटे का उपचार करवाने के लिए एक भी अस्पताल में नहीं गया, वहीं उसके रिश्तेदार भाई की मौत पर भी ज्यादा दिन वहां पर रूका।