त्यौहारी सीजन में नीमच जिला बंद करने का क्या औचित्य है – अनिल चौरसिया

नीमच बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया, उनके प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में पनाह लिया हुए है | बांग्लादेश में हिंदु - मुस्लिम दंगे हो रहे हैं | ऐसे संगीन समय में भारत अपनी सेना बांग्लादेश में उतार सकता था | जैसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने बांग्लादेश में सेना उतार कर 90000 पाकिस्तानी फौजियों का आत्मसमर्पण करवा कर पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे | वैसा ही मौका वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के पास भी था लेकिन वह मौका चूक गए नहीं तो बांग्लादेश में एक हिंदुस्तान और बन जाता | चौरसिया ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है तो भारत में एक वर्ग और विचारधारा वाले लोगों को राजनीति चमकाने का मौका मिल गया | संपूर्ण भारत में कहीं भी बंद का आव्हान नहीं है लेकिन नीमच जिला इन सांप्रदायिक ताकतों की गिरफ्त में है | 15 अगस्त आजादी महोत्सव में हर समाज हर वर्ग तिरंगा झंडा फहराएगा, हिंदुओं का बड़ा त्यौहार राखी पर बहनें अपने मायके आई हुई हैं | वे बाजार में रेडीमेड गारमेंट्स, किराना, मिठाई, खेल-खिलौने खरीद रही हैं | छोटे-छोटे व्यापारी त्यौहारी सीजन में छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपने परिवार का पेट पालने की जुगत करते हैं |ऐसे त्यौहारी सीजन में कुछ समाज के राजनीतिक नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के मद्देनजर नीमच जिला बंद का आव्हान कर देते हैं | सिंधी समाज के एक भाई पर अत्याचार हो तो 3 घंटे का बंद और बांग्लादेश में अत्याचार हो तो नीमच जिला बंद, वाह रे नीमच के नुमाइंदो |चौरसिया ने नीमच जिले की गरीब भोली भाली जनता से अपील की है कि जो अब आपके पेट पर लात जमाए, आपकी रोजी-रोटी छीन ले, उन लोगों से आपको सावधान और सतर्क रहकर अपने व्यवसाय को संचालित करना है|