लद्दाख और कश्मीर का वूलन साथ ही  जैकेट और पशमीना के शॉल कर रहे लोगो को आकर्षित

।नीमच। संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लिमिटेड भोपाल ने सीएसवी अग्रोहा भवन में देश के प्रख्यात शिल्पियों को एकत्र किया है। नीमच के लोगों की पसंद का ख्याल रखते हुए इस बार श्रीनगर कश्मीर और लद्दाख के वूलन आइटम जैकेट और पशमीना शाल भी प्रदर्शन और विक्रय के लिए उपलब्ध है। मेला प्रभारी श्री दिलीप सोनी ने बताया कि श्रीनगर के पास पहलगांव , गुलमर्ग, सोनमर्ग, युसमार्ग जैसे पहाड़ी इलाकों में पाई जाने वाली विशेष प्रकार की भेड़ों से निकलने वाले लेदर और उनके बालों से विशेष तौर पर तैयार की गई जैकेट और वूलन का ड्रेस मटेरियल कंपकंपाती सर्दी में भी गरमाहट पैदा कर देता है। श्रीनगर के श्री एजाज अहमद के पास जैकेट की विशाल वैरायटी है। जिसमें लेडीस और जेंट्स के लिए वूलन और स्वेट लेदर की जैकेट आजीवन अपनी चमक बरकरार रखती है। कश्मीर की महिलाओं द्वारा आरी वर्क की एंब्रॉयडरी विशेष रुप से प्रख्यात है। उन्होंने बताया कि उनके पास शिप लेदर के ही बैग, हैंड पर्स, मोबाइल कवर , कैप और कश्मीरी टोपी है। उनके यहां न्यूनतम 250 रूपए से लेकर लगभग 6000रूपए तक के आइटम है। श्रीनगर के सफाकदर गांव के इरशाद अहमद और मोहम्मद रफीक पश्मीना शाल की वैरायटी आए हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास हाथ से किए गए बारिक वर्क की साड़ी सूट, शॉल और स्टोल का बेमिसाल स्टॉक है। लेह लद्दाख, श्रीनगर की वादियों में घूमने वाली पशमीना भेड़ के बाल से बनाई गई विशेष प्रकार की शॉल तो फेमस है ही सर्दी और गर्मी में पहनने योग्य साड़ी को भी पशमीना भेड़ के बाल से बनाया है। जो मध्यप्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम के बैनर तले कद्रदानों के लिए उपलब्ध है। मेला प्रभारी श्री सोनी ने बताया कि हस्तशिल्प मेले का यह आयोजन 13 फरवरी तक रहेगा। जिसमें हर आम व्यक्ति भी सुबह 12 से 9 बजे तक निशुल्क अवलोकन कर सकता है।