सुवाखेड़ा मे खदानों के बंद होने से बेरोजगारी बढ़ गई हज़ारों लोगों के पेट पल रहे थे इन खदानों से। अब श्रमिकों और खदान मालिको के आगे रोजगार की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। कमलेश सारडा की विशेष रिपोर्ट....


जावद ! सुवाखेड़ा गांव जो कि पत्थरों की खदानों के लिए जाना पहचाना गांव है मगर अब यहाँ खदानों के बंद होने से हज़ारों लोगों की रोजीरोटी छीन चुकी है खदान बंद होने से सबसे बड़ा नुकसान खदान मे काम करने वालो मजदूरों का हुआ है इनके आगे रोजगार की बड़ी समस्या खड़ी हो चुकी है 177 हेक्टर मे कुल 500 माइंस और खदानधारी है इनसे लगभग 2000 हज़ार लोग जुड़े हुए है जिसमे ड्राइवर लोडिंग अनलोडिंग करने वाले और मजदूर वर्ग के लोग है इन खदानों से निम्बाहेड़ा इंड्रस्टीयल मे नीमच इंड्रस्टीयल एरिया में भी लगभग 15 से 20 ट्राली रोज़ पत्थर जाता है इन खदानों के बंद होने से आसपास के ग्रामीण इलाकों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है अब चूंकि राज्य शासन ने रॉयल्टी बंद कर रखी है जिसके कारण रात के समय अवेधरूप से चोरी छुपे लगभग 100 ट्रिप ट्राली  पत्थर गिट्टी फुट के पत्थर खंडा गिटटी पत्थर रोज़ चोरी हो रहे है क्योंकि कमलनाथ सरकार के समय विगत वर्ष इन पट्टाधारी खदानों पर 500 गुना रॉयल्टी बढ़ा दी थी लेकिन इतनी महंगी रॉयल्टी कम करवाने का प्रयास भी विफल रहा अब चूंकि खदान पूरी तरह से बंद है फिर भी दोहरी मार इन खदानधारी को पढ़ रही है  कोरोना काल मे जहाँ शासन ने लगभग सभी व्यापार को टैक्स मे किसी ना किसी प्रकार की राहत दी थी वो इन खदानधारी को अब तक नही मिल सकी है वही इन खदानधारी ने लगभग 1 साल की एडवांस एक करोड़ 77 लाख रुपए अब भी जमा करवा रखे है जिसका भी कोई लाभ नही मिल पा रहा है शासन को इन खदानों के बारे मे विचार करना अत्यधिक आवश्यक है कि कमलनाथ सरकार के समय की बड़ाई गई रॉयल्टी कम करे और इन खदानो को पुनर्जीवित करके हज़ारों लोगों को जो बेरोजगार हुए है उनको रोजगार मिले अब तो ये हाल इन लोगो के हो गए कि खदान बंद होने से छोटी मोटी किराना की दुकानें लगा कर फुर्सत मे बैठ कर ये लोग ग्राहक आने की उम्मीद लगा कर बैठ गए है एक तरफ तो रोजगार छीन गया दूसरी तरफ पैसा भी फस गया चौतरफा मार झेल रहे है ये लोग 
इस मामले में  कलेक्टर मयंक अग्रवाल  का कहना है कि  मैंने भी ज्वाइन किया है अभी पूरा मामला समझ लेता हूं और  जल्द से जल्द इसे  हर कोई समस्या नहीं होगी  तो शुरू करवाया जाएगा ।। 
कलेक्टर नीमच 
मयंक अग्रवाल