कृष्ण सुदामा जी जैसी मित्रता आज बहुत कम देखने को मिलती हैं- संत भीमाशंकर शास्त्री

सात दिवसीय कथा , यज्ञ , कलशस्थापना का आयोजन समपन्न।

सरवानिया महाराज। आज कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता कम देखने को मीलती हैं। सुदामा जी ने कृष्ण के चने खा लिये थे वो चने श्रापित थे और ये बात सुदामा जी जान गये थे कि श्रापित चने है जो चोर चुराकर लाये थे जो कोई खायेगा वो दरिद्र हो जायेगा इसलिए कृष्ण के भाग के चने भी सुदामा जी खागये थे। आज ऐसी मित्रता कहा। ये बात शहर के सदर बाजार स्थित चारभुजानाथ मंदिर के नवनिर्मित शिखर पर स्वर्ण कलशस्थापना तथा पंच कुण्डिय महायज्ञ व सात दिवसीय भागवत कथा के सातवें दिन कथा विश्राम पर ख्यातनाम संत भीमाशंकर शास्त्री द्वारा कही ।
संत श्री शास्त्री ने कहा मित्रता का बहुत बढ़ा महत्व है सच्ची मित्रता निभानी चाहिए। संत श्री ने भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए ईश्वर भक्ति और धर्म के मार्ग पर चलने की कहा। 
कथा समापन के अवसर पर महाआरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया। संत भीमाशंकर शास्त्री ने कथा के निमित्त प्राप्त धन राशि भी वापस चारभुजा नाथ मंदिर समिति को मंदिर विकास के लिए भेंट कर दी। कथा समापन के अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं पुरुषों ने युवाओं ने भाग लेकर धर्म लाभ लिया।