दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन समारोह सफलतापूर्वक संपन्न

सुवाखेड़ा/नीमच की प्रतिष्ठित संस्था ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन समारोह देश विदेश से आए शिक्षाविद प्राध्यापको एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति में अत्यंत ही गरिमा पूर्ण वातावरण में मनाया गया।। उक्त जानकारी देते हुए ज्ञानोदय महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रो.पंकज श्रीवास्तव एवं अनूप चौधरी ने बताया कि दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस में 1100 से भी ज्यादा रजिस्ट्रेशन किए गए। जिन्हे एजुकेशन एवं कला संकाय,कंप्यूटर संकाय,साइंस संकाय,नर्सिंग एवं फार्मेसी,तथा कॉमर्स एवं मैनेजमेंट,आदि विभागों में बांटा गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम सरस्वती जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन से शुरू हुआ तत्पश्चात सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत का प्रस्तुतीकरण संगीत प्राध्यापक गोविंद गंधर्व द्वारा किया गया।। आज के कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि डॉ.प्रशांत मिश्रा विभागध्यक्ष अंग्रेजी विभाग स्वामी विवेकानंद पीजी कॉलेज नीमच तथा संगम विश्वविद्यालय भीलवाड़ा से आए हिंदी के प्राध्यापक डॉ.रजनीश शर्मा एवं डॉ.धर्मेंद्र मेहता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन थे । मंचासीन अतिथियों में संस्था के अध्यक्ष श्री अनिल जी चौरसिया ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी की चांसलर डॉ.माधुरी चौरसिया,ज्ञानोदय संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अभिनव चौरसिया,इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर डॉ.गरिमा चौरसिया,ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ.प्रशांत शर्मा बालकवि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सुरेंद्र सिंह शक्तावत थे। सर्वप्रथम अपने उद्बोधन में अध्यक्ष श्री अनिल जी चौरसिया ने दिया उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को विकास के लिए सतत् प्रयास करते रहना चाहिए इस क्षेत्र में विश्वविद्यालय आपको नए-नए आयाम प्रदान करता रहेगा । ज्ञानोदय इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर डॉ.गरिमा चौरसिया ने कहा की जीवन में परिश्रम से ही सफलता हासिल की जा सकती है और आज ज्ञानोदय विश्वविद्यालय बन चुका है यह सब परिश्रम का ही परिणाम है उन्होंने सभी अध्यापकों को बधाइयां प्रेषित करते हुए आयोजन की सराहना की।दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख सूत्रधार ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. प्रशांत शर्मा ने कहा विश्वविद्यालय का प्रथम प्रयास दो दिवसीय सेमिनार के रूप में आप सभी के सक्रिय प्रयासों से सफलता की चरम सीमा पर पहुंच चुका है।। दो दिवसीय "विकासोन्मुख नवाचारों द्वारा भविष्य का सतत सशक्तिकरण" विषय पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए शिक्षाविदों ने अपने पेपर प्रेजेंटेशन को विषय विशेषज्ञ के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसका सारगर्भित प्रतिवेदन बालकवि बैरागी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सुरेंद्र शक्तावत ने प्रस्तुत किया और उन्होंने बताया कि दो दिन में 1100 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन किए गए और कल 90 पेपर अलग-अलग क्षेत्र में पढ़े गए।। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.रजनीश शर्मा संगम यूनिवर्सिटी भीलवाड़ा के हिंदी विभाग के प्राध्यापक ने कहा कि नवाचार का संचार आज ज्ञानोदय विश्वविद्यालय में हो चुका है इस प्रक्रिया को सतत जारी रखना चाहिए।। कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे हैं स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय नीमच के अंग्रेजी विभाग के विभागध्यक्ष डॉ.प्रशांत मिश्रा ने नवाचार के सार्थकता को दृष्टिगोचर करते हुए उसे ट्रांसपोर्ट रोजगार बेरोजगारी मैं क्रियात्मक प्रयोग से जोड़कर विकास की प्रक्रिया को सशक्तिकरण रूप से स्थापित करने की बात की। कार्यक्रम का सफलतम संचालन प्रो.पंकज श्रीवास्तव ने किया।।अंत में आभार प्रदर्शन ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार हेमंत प्रजापति ने किया।इसके पश्चात राष्ट्रगान के द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्राध्यापक गण के साथ-साथ ज्ञानोदय संस्थान के सभी प्राचार्य, समस्त प्राध्यापक एवं अपार संख्या में विद्यार्थी गण उपस्थित थे।