मेवाड़ यूनिवर्सिटी और एयूजीपी यूएसए और यूएनयूजीपी के बीच हुआ एमओयू साइन 


चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी और द अमेरिकन यूनिवर्सिटी यूएसए (एयूजीपी यूएसए) व यूनाइटेड नेशनस यूनिवर्सिटी फाॅर ग्लोबल पीस यूएसए (यूएनयूजीपी) के बीच एक एमओयू साइन हुआ है । व्यावसायिक और उच्च अध्ययन के विविध क्षेत्रों के मद्देनजर दोनों संस्थानों के बीच शांति संस्कृति को बढ़ावा देने, युद्ध रोकने, आतंकवाद रोकने, नशीले पदार्थों का सेवन रोकने और मानव तस्करी की रोकथाम हेतु कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझौता किया गया है। यह एमओयू मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डाॅ. अशोक कुमार गदिया और द अमेरिकन यूनिवर्सिटी यूएसए (एयूजीपी यूएसए) और  यूनाइटेड नेशन के चेयरमेन व चीफ रेक्टर प्रो. (डाॅ.) मधु कृष्ण के बीच नई दिल्ली में किया गया। इस मौके पर एयूजीपी और यूएनयूजीपी यूएसए के डायरेक्टर और डीन डाॅ. नीरज टंडन और एयूजीपी यूएसए के कोर्डिनेटर पवन पटेल, मेवाड़ यूनिवर्सिटी और जम्मू एंड कश्मीर गर्वनमेंट यूनिवर्सिटी के काॅर्डिनेटर रियाज और मेवाड़ यूनिवर्सिटी मंे इंजीनियरिंग और वोकेशनल स्टडीज संकाय के डीन ए़ यादव भी मौजूद थे। वहीं दोनो संस्थाओं के बीच एक प्लानिंग के तहत कुछ कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसमें एयूजीपी और यूएनजीपी यूएसए की टीम जल्द ही भारत और पाकिस्तान बाॅर्डर पर एक लाइव पेंटिंग और लोक-नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस मेगा इवेंट में अनेको देशों के कलाकारों को बुलाया जाएगा जो विश्व शांति, आतंकवाद और बढ़ते अपराध, ड्रग्स जैसे ज्वलंत मुद्दों पर जागरूक करने का प्रयास करेंगे। यह कार्यक्रम प्रो. (डाॅ.) मधु कृष्ण और डाॅ. नीरज टंडन के मार्गदर्शन में किया जाएगा। इसके साथ ही यह संस्थान संस्कृति का आदान-प्रदान करने के साथ आपस में मिल-जुलकर रहने, एक दूसरे का सहयोग करने की भावना जागृत करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। इससे दोनों देश सतत् विकास लक्ष्यों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और शैक्षणिक प्रोग्राम के आदान-प्रदान को भी मजबूत करने की दिशा में कार्य करेंगे। बैठक और आॅनलाइन सम्मेलन से शांति से रहना और शांति का अभ्यास करने के ध्येय को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रो को सतत विकसित और मजबूत बनाना, अकादमिक आदान-प्रदान, कार्यक्रम विकास में सहयोग करना और अनुसंधान के लिए मार्गदर्शक नियम और सिद्धांत भी स्थापित किए जाएंगे। पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन, वैकल्पिक चिकित्सा, सेवा की दक्षता और उपयोगिता तथा पेशेवर स्तर को बढ़ावा, संग्रहों की स्थापना और रखरखाव करना जैसे मुद्दे भी शामिल किए गए है। इसके अलावा सतत् विकास लक्ष्यों में परिकल्पित मानव कल्याण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक तरीके से कानूनी, तकनीकी, अनुसंधान परियोजनाओ के विकास की दिशा में भी कार्य किया जाएगा।