देश को समान नागरिक संहिता की जरूरत-रंजन स्वामी

नीमच-वर्तमान में गोवा भारत का एकमात्र राज्य है जहां समान नागरिक संहिता लागु है। इस संहिता की जड़ें 1867 के पुर्तगाली नागरिक संहिता में मिलती है जिसे पुर्तगालियों द्वारा लागु किया गया था और बाद में इसे वर्ष 1966 में नए संस्करण के साथ बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐतिहासिक निर्णयों में सरकार से देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने का आव्हान किया है और समय-समय पर न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है। यह बात राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा भारत के प्रदेश सचिव व चैकन्ना बालाजी महंत योगीराज रंजन स्वामी ने प्रेस नोट के माध्यम से व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश को विश्व गुरू बनाना है और वापस मोदीजी को लाना है देश में राम राज्य की स्थापना हो। पूरे देश में एक ही कानून लागु होना चाहिये। श्री स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कई बार अपनी आमसभाओं मे भी समान नागरिक संहिता को लेकर कहा है कि एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दुसरे के लिए दूसरा तो क्या वह परिवार चल पाएगा। फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा।