बूढ़े कंधों पर आपदा से निपटने की जिम्मेदारी, क्या यही है सरकार की तैयारी?

 

मध्यप्रदेश में बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिये भले ही सरकार पूरी तैयारी का दावा कर रही हो, लेकिन  सरकार का आपदा प्रबंधन फेल होता नजर आ रहा है. दरअसल, आपदा के समय लोगों की मदद के लिये काम करने वाले होमगार्ड फोर्स के आधे से ज्यादा जवान ही अधेड़ हो चले हैं. वहीं स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रेस्क्यू फोर्स के पास भी जवानों की कमी है.

बारिश के मौसम में बाढ़ जैसी आपदा से निपटने और आपदा में फंसे लोगों की मदद के लिये भोपाल में स्टेट कमांड सेंटर बनकर तैयार है और तमाम टीमों की तैनाती भी कर दी गई. लेकिन न्यूज 18 ने जब आपदा से निपटने के लिये फील्ड में तैनात किये गये फोर्स की पड़ताल की, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. सरकार जिस फोर्स के भरोसे बाढ़ जैसे हालात से निपटने का दम भर रही है, उसी होमगार्ड की 13 हजार फोर्स में से करीब नौ हजार जवान अधेड़ उम्र के हैं. इतना ही नहीं एसडीईआरएफ के पास भी महज 84 जवान हैं. इन जवानों को भी सिर्फ महानगरों में ही तैनात किया गया है.


आपदा प्रबंधन की क्या है तैयारी-

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  • होमगार्ड फोर्स में कुल 13,000 जवान
  • 50 या उससे ज्यादा उम्र के 9,000 जवान
  • होमगार्ड में 2009 से भर्ती नहीं हुई
  • सालों से 3,000 पद खाली
  • SDERF में कुल 85 जवान
  • NDRF में कुल 45 जवान
  • SDERF और NDRF  के जवान सिर्फ महानगरों में ही तैना

SDERF को मजबूत करने के लिये 550 जवानों की भर्ती होमगार्ड के मौजूदा फोर्स में से ही की जा रही है. युवा जवानों को नियम के तहत प्रतिनियुक्ति पर SDERF में लाने का काम किया जा रहा है. साथ ही होमगार्ड में नई भर्ती के लिये शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है. लेकिन इन सब के बीच मौजूदा बाढ़ जैसी हालात से कैसे होमगार्ड का फोर्स निपटेगा...? ये हम सबसे सामने, सबसे बड़ा सवाल है...?