देश की आजादी के 73 वे पर्व पर मालवा की बेटी की पाती भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम.....

लोभपरस्ती की दुनियां में स्वाभिमान मरते देखा.. स्वार्थसिद्धि के बाजारों में लोगो को बिकते देखा
नही उबलता खून हमारा अन्यायी की घातो से, खुद को बहलाते रहते हैं स्वाभिमान की बातों से...

इन लाइनों के साथ मन्दसौर नीमच की मालवा की इस धरती की बेटी होने के अधिकार से देश की आजादी के 73 वे पर्व की स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी आपका ध्यान मन्दसौर नीमच जिले की पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली की ओर दिलाना चाहती हूँ... 

आदरणीय प्रधानमंत्री जी मन्दसौर नीमच जिला अफीम की खेती करने वाले जिले के रूप में पूरे देश मे जाना जाता है..स्वयं भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा अफीम व मादक पदार्थों की खेती, इनके उत्पादन, व इनके दुरुपयोग व तस्करी रोकने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो बनाया गया है, व एनडीपीएस एक्ट1985 के अंतर्गत मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश के 22 जिलों व 102 तहसीलों में भारत सरकार के अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनके वेतन के लिए अच्छा खासा अमाउंट भारत सरकार खर्च करती है और मन्दसौर नीमच जिले में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के पास असिस्टेंट नारकोटिक्स कमिश्नर के साथ साथ दोनो ही जिले में भारत सरकार का अपना स्वयं का स्टाफ है, जिनकी नियुक्ति ही सिर्फ अफीम व मादक पदार्थों के उत्पादन व उनके दुरुपयोग, तस्करी, उनसे सबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए ही की गई है....

पर विगत 20 वर्षों से जब से मैने सामाजिक क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया.. तब से अपने आसपास लगातार अफीम तस्करी, डोडा चुरा तस्करी व मादक पदार्थो की तस्करी के केस बड़ी तादाद में बनते देख ,और उनसे मध्यप्रदेश पुलिस प्रशासन के थाना प्रभारी से लेकर जिला पुलिस अधीक्षक तक लक्ष्मी जी की सेटिंग करते देख   मैं ये सोचने पर मजबूर हो गयी कि आखिर ऐसा क्यों..? बहुत से प्रकरणों पर असली अपराधी को निर्दोष बताकर...गरीब व्यक्ति को दोषी सिद्ध कर जेल पहुचाने का मध्यप्रदेश पुलिस का खेल देख कर अंदर एक सहज आक्रोश ने जन्म ले लिया.. और जब मैने इन सारे मुद्दों को बारीकी से अध्ययन किया.. तो मध्यप्रदेश शासन ने मध्यप्रदेश पुलिस की अपनी एक अलग नारकोटिक्स विंग बनाकर नारकोटिक्स से सबन्धित कार्यवाही के लिए नारकोटिक्स सेल अलग से बनाकर अपने एस पी रेंक के अधिकारी, टी आई से लेकर आरक्षक तक कि नियुक्ति नारकोटिक्स विंग में कर रखी है जबकि वास्तव में मध्यप्रदेश पुलिस प्रशासन पुलिस बल कम होने की शिकायत हमेशा करता रहता है और वास्तव में अगर हम देखे तो अंतराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से जहां प्रति लाख व्यक्तियों पर  222 पुलिसकर्मी होने चाहिए, व भारतीय मानकों के हिसाब से 181 पुलिसकर्मी प्रति लाख होना चाहिए वहाँ मध्यप्रदेश में वास्तविकता में प्रति लाख व्यक्तियों पर लगभग पुलिसकर्मी 137 ही है... तो आखिर क्यों मध्यप्रदेश शासन ने केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के होते हुए भी अपनी एक अलग नारकोटिक्स विंग बनाई...?

चलो यहां तक भी ठीक है.. अकेले नीमच जिले में जहाँ तक मुझे पता है नीमच पुलिस अधीक्षक से लेकर आरक्षक तक लगभग 900 पुलिस कर्मी है और होमगार्ड की संख्या भी लगभग 150 है.. और मन्दसौर जिले में  पुलिसकर्मियों का आँकड़ा इससे ज्यादा ही है तो फिर भी अगर हम पिछले 6 महीने के मन्दसौर नीमच जिले के अपराधों का अध्ययन करें तो दोनों जिलों में दिनदहाड़े हत्या, बलात्कार ,लूट, चेन स्ट्रेचिंग, चोरी डकैती, की घटनाओं की बाढ़ सी आगयी है.. दोनो जिले के सभी पुलिसकर्मियों का अधिकारियों का पूरा ध्यान सिर्फ अफीम, डोडा चुरा के केस पर ही लगा रहता है ।

अभी पिछले 8 दिनों में नीमच में भाटखेड़ा फंटे पर, भरभड़िया फंटे पर सुबह सुबह कार रोककर लूट कर ली गयी पर हाइवे पर पेट्रोलिंग कर रही पुलिस कुछ ना कर पाई, अभी 4 दिन पहले नीमच में 22 वर्षीय महिला की दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी पर पुलिस प्रशासन को अफीम व डोडाचूरा केस से फुर्सत मिले तब इस तरह की घटनाएं जिले में रुके..?
पिछले कुछ महीनों में शांति का टापू कहलाने वाले मालवा की इस धरती को पता नही किसकी नजर लग गयी, लगातार अपराध बढ़ रहे हैं.. और एक अध्ययन से सामने आया है कि डोडा चुरा व मादक पदार्थों की तस्करी में अधिकांश 25 से 35 वर्षीय युवाओ पर केस रजिस्टर्ड हुए है.. जेल में भी जाकर देखे तो अधिकांश युवा तस्करी के आरोपो में बंद है... अभी पिछले 15 दिन पहले नीमच के प्रतिष्ठित माने जाने वाले कॉन्वेंट स्कूल में बच्चे स्मेक पीते हुए पकड़ाये... कहा जा रही है हमारी युवा पीढ़ी....


एक तरफ और आपका ध्यान दिलाना चाहूंगी..अगर 1999 से नीमच और मन्दसौर जिले में पोस्टिंग वाले पुलिस अधिकारियों की सूची बनाई जाए तो पता चलेगा कि यही अधिकारी ट्रांसफर, प्रमोशन के बाद वापस इन जिलों में फिर पोस्टिंग करा कर आये... और जब डोडा चुरा का व्यापार लाइसेंस लेकर वेध था तब इन पुलिस अधिकारियों ने स्वयं व अपने ब्लड रिलेशन को छोड़कर अन्य के नाम पर बड़ी मात्रा में इस जहर का व्यापार भी किया और अगर सही ढंग से जांच की जाए तो इन पुलिस अधिकारियों की कई सम्पतियाँ दूसरे नामो से इन दोनों जिले में बड़े पैमान पर मिलेगी... और इतना होने के बावजूद भी आज भी ये पुलिस अधिकारी नीमच मन्दसौर जिले में नाग की तरह कुंडली मारकर हमारे जिले के युवाओं को डसने के लिए तैयार है...
 
आदरणीय प्रधानमंत्री जी... वास्तव में नीमच मन्दसौर जिले में पोस्टिंग करवाने के लिए साम दाम दण्ड भेद.. हर तरीके का उपयोग किया जाता है.. क्योकि अफीम, डोडा चुरा ,मादक पदार्थो की तस्करी के केस सेटलमेंट में बड़ी रकम की भूख इन्हें इन जिलों में खींच लाती है.. यही पुलिस के बड़े अधिकारी मुख्य अपराधी को, तस्कर को सरक्षण देकर मेरे जिले के युवाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचा रहे हैं.. जबकि नीमच ओर मन्दसौर जिले में नागरिक सुरक्षा मध्यप्रदेश पुलिस का पहला धर्म होना चाहिए... दोनो जिले के लॉयन ऑर्डर बिगड़ने की ओर अग्रसर है.. पर इन्हें नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के केसों से फुर्सत नही मिल रही है..

 आज स्वतंत्रता दिवस के 73 वे पर्व पर इस देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के साथ साथ नीमच मंदसौर के जन प्रतिनिधियों से, लोकतन्त्र के चतुर्थ स्तम्भ कहलाने वाले अपने मीडिया के साथियों से, मालवा को अपना मानने वाले हर उस व्यक्ति से जिसे इस मिट्टी से प्रेम है... और नीमच मन्दसौर जिले के समस्त माता पिता से जिन्हें अपने बच्चों से प्रेम है.. वो सभी माता पिता जो नही चाहते कि खून की बजाय उनके बच्चों के शरीर मे स्मेक जैसा जहर दौड़े तो हम सभी मिलकर अपनी आवाज को क्रान्ति के रूप में बुलन्द करे कि नीमच मन्दसौर जिले में अफीम, डोडा चुरा व मादक पदार्थों से सबंधित सभी केस सिर्फ केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ही इन्वेस्टिगेशन करे, केस रजिस्टर्ड करने के पहले पूरी पारदर्शिता अपनाई जाए ताकि निर्दोष व्यक्ति तस्करों का मोहरा ना बने और मध्यप्रदेश पुलिस व मध्यप्रदेश शासन की नारकोटिक्स विंग को इन सभी मामले से दूर किया जाए और जब मध्यप्रदेश पुलिस के पास पुलिस बल की कमी है तो नारकोटिक्स विंग का क्या औचित्य..? और मध्यप्रदेश पुलिस मादक पदार्थों की तस्करी के मामले पकड़ती भी है तो उन मामलों की इन्वेस्टिगेशन व आगे की कार्यवाही सिर्फ केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ही करे (क्योकि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो में पोस्टेड हर अधिकारी अपनी स्पेशलिटी के कारण ही इस टीम में है ) ताकि नीमच मन्दसौर जिले का लायन ऑर्डर ना बिगड़े.. नागरिकों को सुरक्षा मिले, कोई लूट ना हो, कोई हत्या ना हो, बलात्कार ना हो.. क्योकि जिस गति से पिछलें महीने अपराध हुए है.. लगता है कि एक दिन शांति का ये टापू सिर्फ इन पुलिस अधिकारियों की अपनी स्वार्थपूर्ति के कारण अपराधियों के सरक्षण का केंद्र बन कर रह जायेगा...और वैसे भी नीमच मन्दसौर जिले की पुलिस अपने मूल उद्देश्य को दरकिनार करते हुए एनडीपीएस के प्रकरणों पर ज्यादा ध्यान दे रही है जबकि दोनो जिलो में अनेकों अपराधों को पुलिस सही तरीके से रोकने में व कई केसों की गुत्थियों को सुलझाने में नाकाम रही है ।आदरणीय प्रधानमंत्री जी आपसे एक और निवेदन है कि पुलिस द्वारा बनाये गए नारकोटिक्स के कैसो में आगे की विवेचनाओं को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो को दिया जाए जिससे पुलिस द्वारा किये गए केसों में पारदर्शिता रहे ,क्योकि पुलिस द्वारा पकड़े गए नारकोटिक्स के केसो में मुल्जिम बनाने व छोड़ने के नाम से लाखों रुपयों की हेरा फेरी की जाना आम बात है जिसमे बिचौलियों की भूमिका में कई नामी गिरामी लोगो का हस्तक्षेप रहता है  जो मालवा के गरीब किसानों के घर व जमीन तक बिक़वा देते है और इस पापकर्म का अंत शीघ्र होना अनिवार्य है ।


नीमच मन्दसौर की जनता को भी कहना चाहूंगी कि अगर आवाज नही उठाई तो वो दिन दूर नही जब आपके साथ, आपके बच्चों के साथ अपराध व अन्याय होगा और सब मूकदर्शक बनकर तमाशा देखेगे.... सत्य व असत्य के बीच मत झुलिये.. न्याय व अन्याय के बीच अंतर करना जरूरी है.. क्योकि अगर समय रहते अन्याय के खिलाफ आवाज नही उठाई और गलत बातो का विरोध नही किया तो आपकी यह छोटी सी कमजोरी एक दिन समाज व देश को विध्वंस के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर देगी... और कवि दुष्यंत की ये पंक्तियां आप सभी पर सार्थक हो जायेगी...

जिस तरह चाहो बजाओ तुम हमे
हम इंसान नही... सिर्फ झुनझुने है...

आओ हम मिलकर मालवा की इस धरती का गौरव बचाये... हम मालवा को ,युवा पीढ़ी को खत्म नही होने देंगे.. हम मालवा का सर नही झुकने देगे.... एक कदम अपने बच्चों के भविष्य की तरफ....
. जय हिंद...

प्रीति बिरला नीमच
मोबाइल नम्बर 9755471118