विधानसभा निर्वाचन को दृष्टिगत रख जिले में धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्‍मक आदेश जारी

नीमच, 10  अक्टूबर 2023, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिनेश जैन द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत निर्वाचन अवधि के दौरान नीमच जिले की राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर अस्त्र शस्त्र धारण नहीं करेगा, जिसमे आग्नेय शस्त्र, जैसे बन्दूक पिस्तौल, रिवाल्वर व अन्य हथियार जैसे बल्लम, भाला, खंजर, शमशीर, फरसा, फालिया, चाकू आदि सम्मिलित है, जिससे किसी को घायल अथवा चोटिल किया जा सके या जिनके प्रयोग से लोकहित को खतरा सम्भाव्य हो।यह आदेश उन हथियारों पर भी बराबरी से लागू होगा जिन्हें धारण करने हेतु पूर्व से ही सक्षम अधिकारी द्वारा लायसेंस प्राप्त किया हुआ है। इस आदेश के प्रभावशील होते ही सभी प्रकार के लायसेंस निलम्बित समझे जाएंगे, जब तक कि इस आदेश में अन्यथा उल्लेखित नहीं किया जाये। इस अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति राजनैतिक दल, संघ, संगठन, संस्था आदि सक्षम प्राधिकारी से बिना पूर्व अनुमति किसी प्रकार की सभा, वाहन रैली, साधारण रैली नहीं निकाल सकेगा और न ही किसी प्रकार की सार्वजनिक सभी कर सकेगा। "ऐसी सभा का आयोजन सड़क, शासकीय अथवा अशासकीय स्कूल, कॉलेज, अस्पताल मैदान, शासकीय कार्यालयों के परिसर पर बिना सक्षम अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। ऐसी सभाओं का आयोजन किसी धार्मिक स्थान यथा, मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि पर नहीं किया जा सकेगा। कोई व्यक्ति, राजनैतिक दल, संघ, संगठन, संस्था आदि किसी समुदाय अथवा धर्म विशेष को लेकर अथवा अन्य प्रकार के ऐसे किसी आपत्तिजनक भाषण, संवाद, नारे आदि का उपयोग नहीं करेगा, चाहे वह मौखिक अथवा मुद्रित रूप में हो, जिससे साम्प्रदायिक अथवा अन्य प्रकार से लोक शांति भंग हो सकती है। सम्पूर्ण निर्वाचन अवधि के दौरान किसी सभा में वाहन पर या अन्यथा लाउड स्पीकर के उपयोग से पूर्व सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति प्राप्त करना होगी।जिले में स्थित होटल, लॉज, धर्मशाला, सराय, गेस्ट हाऊस आदि में रुकने वालों की जानकारी का रजिस्टर संधारित कर, सूचना संचालक या प्रबंधक के द्वारा संबंधित थाना प्रभारी को देना अनिवार्य है। किसी सभा, जुलूस अथवा रैली के आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त करने का आवेदन प्रस्तुति से पूर्व इस बात की जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिये,कि उक्त स्थान, मार्गों या मार्ग के किसी भाग पर निर्बन्धात्मक आदेश तो जारी नहीं किया गया है, यदि ऐसा है, तो उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। सभा, जुलूस आदि की स्वीकृति प्राप्त होती है, तो स्वीकृति में उल्लेखित अवधि, तिथि, स्थान के साथ-साथ अन्य शर्तों का पालन आयोजकों के द्वारा सुनिश्चित करना चाहिए।निषेधाज्ञा अवधि में सम्पत्ति विरूपण अधिनियम,1994 के प्रावधानों का पालन करना चाहिये, जिसमें निजी एवं सार्वजनिक दोनों सम्पत्तियां शामिल है। प्रत्येक व्यक्ति, राजनैतिक दल, संघ, संगठन, संस्था आदि को म.प्र.कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1984 का पालन करना चाहिए। निर्वाचन अवधि में आयोग द्वारा निर्धारित आचार संहिता, नियम, शर्तो अनुदेशों का पालन सभी को सुनिश्चित करना चाहिए। इस आदेश के तहत सोशल मीडिया, जैसे-वाट्सअप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम व अन्य माध्यमों से कई समूहों द्वारा सामाजिक ताने-बाने को तोडने, विभिन्न समुदायों के मध्य संघर्ष, वैमनस्यता की स्थिति निर्मित करने के उद्देश्य से तरह-तरह के आपत्तिजनक मैसेज, पिक्चर, ऑडियो, विडियो आदि के प्रसारण पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा, ताकि वर्गभेद, नस्‍लीय भेदभाव या जातिगत घृणा को बढ़ावा देने व सामुदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश पर रोक लगाई जा सके।यदि उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करते कोई पाया गया, तो उसके विरुद्ध साइबर क्राइम (इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000) की धारा-66-ए एवं भारतीय दण्ड विधान के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जावेगा। इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया पर किसी प्रकार की फेक न्‍यूज जिसकी पुष्टि नही की गई, के प्रकाशन पर प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई व्‍यक्ति उपर्युक्‍त आदेश का उल्‍लंघन करेगा, तो वह भादसं,1960  की धारा-188 सहित अन्‍य विधियों के तहत दण्‍डनीय अपराध का दोषी होकर उसे विधि के प्रावधानो के तहत अभियोजित किया जा सकेगा।