धार्मिक स्थलों का राजनीतिक प्रायोजन हेतु उपयोग नहीं किया जा सकेगा

नीमच  विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2023  के लिये भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। तदनुसार धार्मिक संस्था(दुरूपयोग निवारण)अधिनियम-1988  के प्रावधानानुसार जिले में स्थापित सभीप्रकारकेधार्मिकस्थलोयथमंदिर, मठ,  मस्जिद, गुरूद्वारा(सिंधी, सिक्ख), गिरजाघर, चर्च,जैन मंदिर, बौद्ध मंदिर, जैन उपासना स्थल तथा,जिन स्थानों पर पूजा, प्रार्थना, इबादत की जाती है,ऐसे सभी स्थल,धार्मिक संस्थाओं का राजनैतिक और अन्य प्रायोजनों के लिये दुरूपयोग निवारित करने हेतु धारा-3 के तहत् कोई धार्मिक संस्था या उसका प्रबंधक संस्था के या उसके नियंत्रण के अधीन किसी परिसर का उपयोग राजनैतिक प्रयोजन हेतु नहीं करेगा। अधिनियम की धारा-4 तहत धार्मिक परिसर में आयुध और गोला बारूद ले जाने, भण्डारण पर पूर्णतःप्रतिबंध रहेगा लेकिन सिक्ख धर्म को मानने वाले किसी व्यक्ति द्वारा कृपाण धारण करने और उसे लेकर चलने पर यह लागू नहीं होगा। धारा-5 के तहत् कतिपय क्रिया-कलापों हेतु धार्मिक संस्थाओं की निधियों के उपयोग का प्रतिषेध रहेगा और धारा-6 मुताबिक राजनैतिक विचारों का प्रचार करने के लिये धार्मिक स्थल एवं परिसर का उपयोग पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित रहेगा।कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिनेश जैन ने बताया, कि जिले के सभी धार्मिक स्थलों,  संस्थाओं का राजनैतिक कार्यों के लिये उपयोग करना पूर्णतःवर्जित है।ऐसे स्थलों में समारोह आयोजित कर धर्म, जाति, समुदाय के बीच शत्रुता, आपसी घृणा या वैमनस्यता की भावना भड़काने पर संस्था के प्रबंधक या अन्य कर्मचारी(धार्मिक संस्था या उसके आध्यात्मक गुरू)द्वारा किसी भी आयोजन के संबंध में संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाना प्रभारी को सूचना देना अनिवार्य है। सूचना न देना भी एक आपराधिक कृत्य है।सूचना न देने वाले के विरुद्ध अधिनियम की धारा-3, 5, 6, 7 एवं 9 के तहत् आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा। जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा आरोपित व्यक्ति पर 5  वर्ष तक का कारावास और 10 हजार रूपये का अर्थदण्ड साथ ही भारतीय दण्ड विधान की धारा-176 के तहत एक माह तक का कारावास या 500  रूपये का अर्थदण्ड अथवा दोनों दण्ड दिये जा सकते हैं।अधिनियम के उक्त प्रावधानों के तहत् विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2023  के दौरान सतत् निगरानी रखते हुए कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी, और अधिनियम के उक्त प्रावधानों से अनुभाग, तहसील, पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थापित सभी धार्मिक स्थलों के धर्म गुरुओं एवं संस्थाओं के पदाधिकारियों,  सदस्यों को धार्मिक स्थलों के सूचना पटल पर चस्पा के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है,कि उक्त अधिनियम के तहत् जो कार्य प्रतिबंधित किये गये हैं, उन पर सतत् निगरानी रखी जाकर विधिसम्मत कार्यवाही अमल में लाई जायें।