विदेशों में भारतीयों को सुरक्षित रोजगार देने को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न

मंदसौर - विदेशों में भारीतयों को रोजगार देने को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया। सांसद गुप्ता ने प्रश्न करते हुए कहा कि ताइवान ने पूरे ताइवान में विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 1 लाख भारतीयों को रोजगार देने में रुचि दिखाई है। इस संबंध में सरकार की क्या प्रतिक्रिया है। सरकार ने ताइवान सरकार के साथ किसी रोजगार समझौते  पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेशो में भारतीय कामगारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उक्त रोजगार समझौते पर कब तक हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। वहीं उन्होने कहा कि इस समझौते से दोनो देशों में किस प्रकार से आपसी सबंध सुदृढ़ होंगे। सरकार ने विश्व के अन्य देशों के साथ उक्त रोजगार समझौता करार किया है प्रश्न के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि सरकार ताइवान के साथ व्यापार, निवेश, पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा और इसी प्रकार के लोगों के मध्य आदान-प्रदान के अन्य क्षेत्रों में पारस्परिक संपर्क को सुविधाजनक बनाती है और बढ़ावा देती है। सरकार पारस्परिक हित के आधार पर विदेशों में भारतीय कामगारों को कानूनी रोजगार की सुविधा भी प्रदान करती है। उन्होने बताया कि श्रम एवं जनशक्ति सहयोग समझौता ज्ञापन/करार जो श्रम एवं जनशक्ति से संबंधित मुद्दों पर सहयोग के लिए व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं, उन पर खाड़ी सहयोग परिषद के देशों (बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात) और जॉर्डन के साथ हस्ताक्षर किए गए है। इसके अतिरिक्त, जीसीसी देशों में घरेलू कामगारों के विशिष्ट हितों की रक्षा के लिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत के साथ घरेलू क्षेत्र के लिए श्रम सहयोग संबंधी करारों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। डेनमार्क, जापान, पुर्तगाल, मॉरीशस और इजराइल के साथ विशिष्ट श्रम आवाजाही सहभागिता करारों / समझौता ज्ञापनों / सहयोग ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। हमारे छात्रों, शिक्षाविदों, व्यापारियों और पेशेवरों के लिए आवाजाही की सुविधा हेतु फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया और इटली के साथ प्रवासन एवं आवाजाही सहभागिता करारों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।