विवाह सहायता राशि स्वीकृत कराने हेतु 6000रू. की रिश्वत लेने वाले जनपद पंचायत के बाबू को 04 वर्ष का सश्रम कारावास।

नीमच। श्रीमती सोनल चौरसिया, विषेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), जिला-नीमच द्वारा विवाह सहायता राशि स्वीकृत कराये जाने हेतु आवेदक से 6000रू. रिश्वत लेने वाले जनपद पंचायत, जावद के बाबू लक्ष्मण गुर्जर पिता रामचंद्र गुर्जर, उम्र-54 वर्ष, स्थाई निवासी-ग्राम सुहागपुर, तहसील वल्लभनगर, जिला उदयपुर (राजस्थान) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13(1)(बी), 13(2) के अंतर्गत 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 10000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।श्री विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 04.09.2019 को फरियादी ओमप्रकाश धाकड़, निवासी-ग्राम तुम्बा, तहसील जावद, जिला नीमच ने पुलिस अधीक्षक विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर एक शिकायत आवेदन पत्र दिया जिसके अनुसार उसकी माता लीलाबाई द्वारा जनपद पंचायत जावद में उसकी दोनों पुत्रियों के विवाह सहायता हेतु पृथक-पृथक 51,000/- राशि की सहायता प्राप्त किये जाने हेतु आवदेन दिया था, जिसमें से 1 पुत्री के विवाह हेतु 51,000/- रूपये सहायता राशि प्राप्त हो चूकी थी, किंतु दुसरे प्रकरण की राशि 51,000/- प्राप्त नहीं हुई थी। इस संबंध में आवेदक ने जब जनपद कार्यालय जावद में जाकर आरोपी लक्ष्मण गुर्जर से बात की तो उसने विवाह सहायता राशि स्वीकृत कराये जाने हेतु 9000/- राशि रिश्वत की मांग की थी। आवेदक द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र पर कार्यवाही किये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त द्वारा श्री बंसत श्रीवास्तव, निरीक्षक को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। श्री बंसत श्रीवास्तव द्वारा आवेदन पर से कार्यवाही करते हुए डिजीटल वाईस रिकार्डर के माध्यम से आवेदक व आरोपी के मध्य रिश्वत लेनदेन की बातचीत को रिकार्ड किया गया, जहां पर आरोपी द्वारा 6000/- रूपये रिश्वत लेकर विवाह सहायता राशि स्वीकृत कराये जाने का तय हुआ। इसके पश्चात् अपराध को पंजीबद्व किया जाकर विधिवत ट्रेप आयोजित किया गया एवं दिनांक 07.09.2019 को आरोपी लक्ष्मण गुर्जर, सहायक ग्रेड-03 जनपद पंचायद, जावद को जनपद कार्यालय, जावद के सामने चाय की दुकान पर से 6000रू. की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। इसके पश्चात मौके की समस्त कार्यवाही कर वापस लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन आकर शेष आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियेग पत्र विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988) नीमच में प्रस्तुत किया गया।श्री विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियेजक द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान आवेदक, ट्रेपदल के सदस्य, पंचसाक्षी व विवेचक सहीत सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान करवाये गये। प्रकरण में प्रमुख तथ्य यह रहा कि फरियादी/आवेदक द्वारा घटना का समर्थन नहीं करते हुवे पक्षविरोधी साक्ष्य दी गई, इसके उपरांत भी अभियोजन द्वारा घटना को दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित कराते हुए आरोपी द्वारा 6,000रू. रिश्वत लिये जाने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किए जाने का निवेदन किया गया। जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री विवेक सोमानी, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।